टाटा मोटर्स का शेयर दो टुकड़ों में बंट जाएगा

 टाटा मोटर्स (Tata Motors) अपने पैसेंजर और कमर्शियल व्‍हीकल कारोबार को अलग-अलग करेगी. कंपनी के बोर्ड ने कंपनी के डिमर्जर (Demerger) के बाद उसके कारोबार को दो कंपनियों में बांटकर स्टॉक एक्सचेंज पर अलग-अलग लिस्टिंग करने को मंजूरी दे दी है. डिमर्जर की प्रक्रिया 12 से 15 महीने में पूरी होगी. डिमर्जर के बाद टाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल्स के कारोबार को अलग इकाई में शामिल किया जाएगा जबकि दूसरी इकाई में पैसेंजर व्हीकल्स, इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स, जेएलआर और उससे जुड़े इंवेस्टमेंट को मिलाकर एक अलग कंपनी बनाई जाएगी.


डिमर्जर की प्रक्रिया के तहत जिन शेयरधारकों के पास टाटा मोटर्स के शेयर होंगे उन्हें टाटा मोटर्स की पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स वाली दोनों ही कंपनियों के शेयर मिलेंगे. टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2024-25 की जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी. रेग्यूलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने कहा, “बोर्ड ने टाटा मोटर्स के दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों के डिमर्जर के स्कीम को मंजूरी दे दी है और डिमर्जर की प्रक्रिया को 12 से 15 महीने में पूरा कर लिया जाएगा”.

शेयरधारकों को होगा फायदा
टाटा मोटर्स के डिमर्जर का फैसला लेते हुए कंपनी ने कहा था कि डिमर्जर के फैसले से शेयरधारकों को फायदा होगा. पिछले कुछ वर्षों में टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल्स (Commercial Vehicles), पैसेंजर व्हीकल्स (Passenger Vehicles) जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) भी शामिल है और जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) शामिल है, उसने बेहद मजबूत प्रदर्शन दिखाया है. 2021 के बाद से ही दोनों ही सेगमेंट अपने-अपने सीईओ के निगरानी में स्वतंत्र रूप से काम करती रही हैं.

इन दो कंपनियों का होगा विलय
टाटा मोटर्स के ये डिमर्जर प्रक्रिया 2022 में पैसेंजर और इलेक्ट्रिकल कारोबार के अलग से सब्सिडियरी बनाने के फैसले का नतीजा है. कंपनी ने रेगलेटरी फाइलिंग में बताया कि टाटा मोटर्स फाइनेंस और टाटा कैपिटल के आपस में विलय की प्रक्रिया चल रही है. यह प्रोसेस 9 से 12 महीने में पूरा हो जाएगा.
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